What is Rocket engine?

Rocket का इस्तेमाल आज बहूत समय पहले चीन से शूरू हुआ था,जहा सबसे पहले बारूद का ईस्तेमाल हुआ थाऔर वोलोग ठोस ईधन का ईस्तेमाल किये थे।
        Rocket engine दो तरह का होता है
(1)-Solid fuel engine(2)- Liquid fuel engine
         Solid fuel rocket मे propellet को mix करके रखा जाता है।जिसमे fuel के साथ oxygen को mix किया जाता है और और एक अलग cylinder मे pack किया जाता है जो normal temperature पर नही जलतेपर जैसे ही किसी igniter से heat मिलता है वो जलने लगते है।और तबतक जलते है रहते है जबतक सारा fuel खत्म ना हो जाय।solid fuel rocket engine मे बहूत पहले से fuel को store किया जा सकता है।और यह liquid fuel rocket engine से बहूत ज्यादा compact और easy होता है।
      वही जो liquid fuel rocket engine होता है वह बहूत complex होता है।इसमे fuel और oxidiser को अलग - अलग रखा जाता है,ओर pump के द्ारा nozzle कै combustion chamber मे भेजा जाता है।liquid fuel rocket engine के combustion system को control किया जा सकता है।fuel या oxidiser के valve को कम या ज्यादा करके।यह engine थोडा heavy और complex होता है क्योकि इसमे pumps और storage tank होते है।
    Rocket मे जो thrusrt होता है वही वो force होता है जिससे rocket उपर की तरफ उढता है।यह Newton के third law पर काम करता है।thrust का unit pound होता है।1pound उतना force को कहते है जो 1pound के किसी वस्तु को हवा मे उढा सके।
Rocket engine का सबके important parts होता है उसका Nozzle जहा से hot gas ,nozzle के throat से से बाहर की तरफ निकलता है।Nozzle divergent shape मे होता है।जब लगभग 2.5 to 3 times का pressure fuel के जलने से उत्पन्न होता है तो nozzle के throat ,chock हो जाता है।जिससे एक supersonic jet निकलता है और tharmal energy का transformation ,kinetic energy मे होता है।Exhaust speeds ,nozzle के expansion ratio पर depand करता है।

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