What is difference between earthing and grounding.
जब हम बात करते हैं electrical system की तो हमारे मन में दो बात दो बातें आती है पहला EARTHINGऔर दूसरा GROUNDING. अर्थिंग कहां करते हैं और ग्राउंडिंग कहां करते हैं यह हमें पता होता है पर इन दोनों में क्या अंतर होता है यह हमें पता नहीं होता है । चलिए इसी अंतर को समझते हैं ।इसके लिए हम एक मोटर को ही EXAMPLE के तौर पर ले सकते हैं ।
मोटर में वैसे तो बहुत सारे पार्ट्स होते हैं पर अगर हम CURRENT के BASE देखें तो हमें दो parts मिलने मिलते हैं।
1. वह पार्ट्स जिसमें करंट फ्लो करता है जैसे मोटर के टर्मिनल से होकर आर्मेचर तक इसे हम live parts कहते हैं
2. वह पार्ट्स जिसमें current flow नहीं होता है जैसे मोटर का बॉडी उसे हम dead part कहते हैं।
अब हम EARTHING को समझते हैं ।कभी-कभी क्या होता है कि मोटर के टर्मिनल में कनेक्शन के दौरान कुछ गलती से वायर मोटर के बॉडी के साथ टच हो जाता है। जिससे मोटर के बॉडी में भी VOLTAGE आ जाता है ।और जब कोई गलती से मोटर को छू ले ता है तो मोटर के वोल्टेज और छूने वाले के बॉडी के बीच एक potential difference उत्पन्न होता है । मतलब कि मोटर में हाई वोल्टेज और छूने वाली की बॉडी में लो वोल्टेज होता है जिसे करंट हाई वोल्टेज से लो वोल्टेज की तरफ दौड़ता है ।और छूने वाले के शरीर को एक जोर का झटका लगता है
।इस तरह के एक्सीडेंट से बचने के लिए मोटर में अर्थिंग किया जाता है। इसमें क्या करते हैं मोटर के बॉडी से एक wire जोड़ कर उसे Earth के कोंटेक्ट में ला दिया जाता है।
जिससे इस तरह के fault से जो वोल्टेज मोटर के बॉडी में क्रिएट होता है वह वायर के द्वारा earth में चला जाता है इसे अर्थिंग कहते हैं।
अब बात करते हैं grounding का। मोटर को ही example के तौर पर ले लेते हैं। हमने देखा मोटर का दो पार्ट्स एक live और एक dead । तो live parts क्या होता है । करंट flow होता है ।यह करंट कहीं किसी जनरेटर से जनरेट होकर आता है।
मान लीजिए कहीं बिजली चमकी और current carrying wire पर गिर गई ।तो उससे उस वायर का वोल्टेज बढ़ जाता है और वोल्टेज इलेक्ट्रिकल मोटर में आ जाएगा इससे उस मोटर की वाइंडिंग जल सकती है । इससे बचने के लिए एक न्यूट्रल वायर मोटर से निकलती है जो कहीं सोर्स ऑफ पावर के पास रिटर्न हो जाती है । इसे हम grounding कहते हैं। यह बिल्कुल इसी तरह होता है जैसे हमारे किचन में वाशबेसिन होता है जो टैंक से पाइप लाइन के द्वारा kitchen मैं आता है हम पानी से हाथ होते हैं ।और फिर वह पानी किसी नाले से होते हुए कहीं और चला जाता है । EARTHINGऔर GROUNDING में यही अंतर होता है।
मोटर में वैसे तो बहुत सारे पार्ट्स होते हैं पर अगर हम CURRENT के BASE देखें तो हमें दो parts मिलने मिलते हैं।
1. वह पार्ट्स जिसमें करंट फ्लो करता है जैसे मोटर के टर्मिनल से होकर आर्मेचर तक इसे हम live parts कहते हैं
2. वह पार्ट्स जिसमें current flow नहीं होता है जैसे मोटर का बॉडी उसे हम dead part कहते हैं।
अब हम EARTHING को समझते हैं ।कभी-कभी क्या होता है कि मोटर के टर्मिनल में कनेक्शन के दौरान कुछ गलती से वायर मोटर के बॉडी के साथ टच हो जाता है। जिससे मोटर के बॉडी में भी VOLTAGE आ जाता है ।और जब कोई गलती से मोटर को छू ले ता है तो मोटर के वोल्टेज और छूने वाले के बॉडी के बीच एक potential difference उत्पन्न होता है । मतलब कि मोटर में हाई वोल्टेज और छूने वाली की बॉडी में लो वोल्टेज होता है जिसे करंट हाई वोल्टेज से लो वोल्टेज की तरफ दौड़ता है ।और छूने वाले के शरीर को एक जोर का झटका लगता है
।इस तरह के एक्सीडेंट से बचने के लिए मोटर में अर्थिंग किया जाता है। इसमें क्या करते हैं मोटर के बॉडी से एक wire जोड़ कर उसे Earth के कोंटेक्ट में ला दिया जाता है।
जिससे इस तरह के fault से जो वोल्टेज मोटर के बॉडी में क्रिएट होता है वह वायर के द्वारा earth में चला जाता है इसे अर्थिंग कहते हैं।
अब बात करते हैं grounding का। मोटर को ही example के तौर पर ले लेते हैं। हमने देखा मोटर का दो पार्ट्स एक live और एक dead । तो live parts क्या होता है । करंट flow होता है ।यह करंट कहीं किसी जनरेटर से जनरेट होकर आता है।
मान लीजिए कहीं बिजली चमकी और current carrying wire पर गिर गई ।तो उससे उस वायर का वोल्टेज बढ़ जाता है और वोल्टेज इलेक्ट्रिकल मोटर में आ जाएगा इससे उस मोटर की वाइंडिंग जल सकती है । इससे बचने के लिए एक न्यूट्रल वायर मोटर से निकलती है जो कहीं सोर्स ऑफ पावर के पास रिटर्न हो जाती है । इसे हम grounding कहते हैं। यह बिल्कुल इसी तरह होता है जैसे हमारे किचन में वाशबेसिन होता है जो टैंक से पाइप लाइन के द्वारा kitchen मैं आता है हम पानी से हाथ होते हैं ।और फिर वह पानी किसी नाले से होते हुए कहीं और चला जाता है । EARTHINGऔर GROUNDING में यही अंतर होता है।
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